04 जनवरी 2010 . सोमवार .
पेंटिंग्स् को लेकर मैं जूनूनी हूं । जिंदगी की तमाम जरूरी बातों में मेरा यह शौक भी शामिल है । यह मुझे सुकून देता है और उरजा से भर देता है । लेकिन जब भी फुरसत के लम्हे मिलते हैं मैं आजकल लिखना पसंद करता हूं ।
- डा. जेएस.बी नायडू
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